Anupama Written Update Telly Updates : आज अनुपमा सीरियल की शुरुवात होती है अनुज और बापू जी से दोनों कार में सफर कर रहे होते है। बापू जी अनुज से पूछते है अनुज तुम कोई जरुरी कार्य कर रहे आई पैड पर अनुज – नहीं बापू जी बिलकुल नहीं आप कहीए जो कहना चाहते है। बापू जी – अनुज तू इस समय समझ ले की मै तेरा पिता हूँ।
अनुज – नहीं बापू जी आप इस समय नहीं आप प्रत्येक समय मेरे पिता जी के सामान है। लेकिन यह बात मै समझता ही नहीं बल्कि मै दिल से मानता हूँ। बापू जी – तो मै अभी अपने दामाद से नहीं अपने पुत्र से बात करूँगा। अरे वो कौन सा शब्द है बिंदास अनुज मुस्कराने लगता है ठीक है बापू जी आप बिंदास अपने पुत्र से बात कीजिए।
बापू जी – पुत्र तुम और अनुपमा झगड़ो के लिए नहीं मिले हो। तुम दोनों एक – दूसरे के लिए बने हो , खुश रहने के लिए बने हो। तो ये झगड़े ये उदासी और रिश्ते के लिए रहने दो तुम दोनों पर अच्छे नहीं लगते , अनुज – जनता हु बापू जी समझता हूँ भी लेकिन अनुज बापू जी पूछता है मै क्या करू ?
Anupama Written Update Telly Updates | बापू जी के साथ क्या हुआ ?
Anupama Written Update Telly Updates बापू जी – पति – पत्नी भी मनुष्य होते है पुत्र एक हो के भी एक जैसे नहीं होते है। अब अनुपमा तुझे अच्छी लगी क्योकि वह ऐसी ही है। अनुपमा को तुम अच्छे लगे क्योकि तुम ऐसे हो, समझा रहा है न पुत्र की तुम एक दूसरे से कहोगे की परिवर्तन लाओ अपने अंदर तो वह तो चीटिंग हुई न इस अवश्था में स्वभाव में परिवर्तन लाना बहुत कठिन होता है।
तेरे लिए भी और अनुपमा के लिए भी और मै तो कहता हु की परिवर्तन लाना ही क्यों अरे अपने अंदर परिवर्तन वह लाए जो गलत हो। जिसमे कोई कमी हो, या सुधार की गुंजाइस हो। तुम दोनों में कोई कमी नहीं है। तो फिर एक दूसरे से परिवर्तन लाने की आशा क्यों कर रहे हो।
परिवर्तन ही लाना है तो स्थितियों में परिवर्तन लाओ। एक दूसरे में परिवर्तन नहीं लाओ। अगले सीन में अनुपमा न्यूज़ समाचार पढ़ रही होती ही और कुछ सोच रही होती है। बा और पाखी के बारे में पीछे जो हुआ उसके बारे में सोच रही होती है।
तब तक अनुपमा का भाई आ जाता है काफी ले कर और अनुपमा को देता है और पूछता है की ऐसे उदास अकेले क्यों बैठी हो। मै अपनी बहन को ऐसे उदास नहीं देख सकता। इस लिए कंपनी लेने के लिए चला आया। अच्छ ये बताओ तुम नए वर्ष में क्या करना चाहती हो ? कही वजन तो कम नहीं करना चाहती हो ? अनुपमा – मै अपना वजन कम करुँगी और हसने लगती है।
अनुपमा का भाई – मै सोच रहा हूँ जिम ज्वाइन कर लू थोड़ा सिक्स पैक और डोले सोले बनाऊ। और बाल भी सफेद हो रहे है मेरे मै सोच रहा हु वो प्याज का रस होता है उसे लगन शुरू कर दू। प्याज से बाल काले होते है ?
अनुपमा कहती है लेकिन सफेद बाल भी अच्छे लगते हैं। अरे नहीं नहीं बरखा को सफेद बाल बिल्कुल भी पसंद नहीं है। सफेद बालों को वह नोच डालेगी। यह कह कर दोनों हंसने लगते हैं। अनुपमा का भाई कहता है मेरा और बरखा का चलता रहता है। हम लोग ऐसे ही खटपट पति पत्नी है। लेकिन तुम दोनों हमारे जैसे बिल्कुल भी नहीं हो। और कृपया करके हमारे जैसे बनना भी नहीं। क्षमा करना मैं यहां वहां की बातें करने लगा था।
Anupama Written Update Telly Updates में बापू जी और अनुज की लम्बी वार्तालाप होती है।
बस यही कहने के लिए आया था अब क्या करना है कैसे करना है इस रिश्ते को कैसे संभालना है यह सब मुझे नहीं पता, मैं स्वम आज तक अपने रिश्ते को संभाल नहीं पाया तो मैं तुम्हें क्या बताऊंगा। लेकिन एक विनती करना चाहता हूं इस प्यार को ना संभाल के रखना अनुपमा सिर हिलाती है और हां कहती है।
अनुपमा अपने भाई को धन्यवाद बोलती है और उसका भाई वहां से उठ कर के चला जाता है। अनुपमा सोचने लगती है कि यह सब ऐसे नहीं खत्म होगा।
अगले सीन में फिर से अनुज और बापूजी बात करते हुए दिखाई देते हैं जिसमें अनुज बापूजी से कहता है बापू जी मैं आपसे कुछ कहूं बाबूजी उत्तर देते हैं बिल्कुल पुत्र कहो क्या कहना है? जमीन और आकाश की दूरी कम हो सकती है बापूजी लेकिन मेरे और अनूपमा के बीच प्यार कम नहीं हो सकता।
वैसे भी सोने पर जंग नहीं लगता बाबूजी उत्तर देते हैं लेकिन धूल चढ़ सकती है पुत्र अनुज – यह दौलत भी चढ़ती है बापूजी जब लोगों को लगता है कि यह सोना है इसका क्या ही बिगड़ेगा वे भी इधर-उधर ध्यान देने लगते हैं। देर सबेर सोने पर धूल चढ़ने लगती है।
आप सही कह रहे हैं। बाबूजी अनुपमा जो दूसरों का ध्यान रखती है तो मुझे थोड़ा सा भी बुरा नहीं लगता है लेकिन मैं उसी से प्यार करता हूं जैसी है वैसी ही लेकिन जब बात हमारी बेटी की आती है ना और जब मेरे बार-बार कहने के बाद भी समझाने के बाद भी पुत्री को अपनी मां की अटेंशन चाहिए अपनी मां की तब यह बात मेरे दिल में चुभती है बापूजी। अनुपमा मुझसे ज्यादा दूसरों के लिए करें मुझे कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन और मैं अपनी अनुपमा को बदलना नहीं चाहता बिल्कुल भी अनु जैसी है वह मेरी है बस मैं यही चाहता हूं कि ऐसी स्त्रियों में उसको स्थिति की ओर से लड़ने का तरीका बदल दे बस मैं चाहता हूं।
बाबूजी कहते हैं वह भी तुम दोनों को ही करना पड़ेगा। मान लो जिंदगी थाली परोस कर देती है जिंदगी र रायता फैलाती है लेकिन रायते को समेटने का कार्य हमारा होता है।
बस इतना याद रखो कि जो हो रहा है वह भगवान कर रहे हैं वह तुम नहीं तुम्हें जिंदगी से लड़ना है। भगवान और एक दूसरे से नहीं , गड़बड़ चाहे व्यापार में हो या परिवार में प्यार तक नहीं आना चाहिए। देखो बेटा आज मैं हूं लेकिन कल आऊंगा कि नहीं यह मुझे नहीं पता, अनुज उत्तर देता है बापू जी प्लीज ऐसी बातें मत कीजिए कृपया करके, बापूजी – यही तो जीवन है। जीवन में कैसे आना है कैसे जाना है वह हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन इस संसार में आने के बाद कैसे जीवन को जीना है यह हमारे हाथ में होता है।
मैं बस इतना ही चाहता हूं कि मैं जब इस संसार को छोड़कर के जाऊं, इस खुशी से जाओगी मेरा परिवार आगे खुश रहेगा। सब साथ हैं और इस परिवार में सभी लोग शामिल हैं। मैंने दुख बहुत देख लिया लेकिन अब मैं खुशियां देखना चाहता हूं। आधी अवस्था बीतने के बाद अनुपमा को यह प्यार मिला है। अनुज कहता है मुझे भी बापूजी कई वर्षों के बाद इतनी परेशानियों के बाद मुझे ऐसा प्यार मिला है।
मैं अपने दिल से अनुपमा के लिए प्यार नहीं जाने दूंगा बाबूजी , मैं अपने इस रिश्ते के सोने पर धूल भी नहीं सोने दूंगा। बाबूजी आशीर्वाद देते हुए कहते हैं भगवान तुम दोनों की जोड़ी बनाए रखें। दोनों में झगड़ा होते हुए मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा। अनुज बाबूजी को पानी पीने के लिए देता है। और पूछता है बापू जी आप ठीक तो हैं। बापूजी करते हैं आज मैं मंदिर जाकर तुम दोनों के लिए प्रार्थना करूंगा।
अनुज कहता है बापू जी प्लीज आप ज्यादा चिंता ना करिए। मैं हूं ना, बापू जी कहते हैं तुम भी चिंता मत करना।