आज अनुपमा सीरियल की शुरवात अनुज के फ़ोन काल से होती है अनुपमा अनुज को फ़ोन करती है और Anupama अपनी बच्ची से बात करती है उसकी बिटिया पूछती है मम्मी पारी ठीक है ना अनुपमा उत्तर देती है हां बेटा परी ठीक है। फिर उसकी बिटिया कहती है मम्मी मैंने फिर से वही सीन देखा मैंने यह देखा की आप दोनों मुझे फिर से आश्रम छोड़ आये।
और जैसे ही मेरी आंख खुली मै आप दोनों के कमरे में चली आई। तो देखा की वहां पर आप दोनों नहीं थे। कमरे में अँधेरा था इस लिए मै डर गई थी। मै आपको बहुत मिस कर रही हु मम्मी अनुपमा भी कहती है मिस यू टू बेटा। अनुपमा कहती परी अभी छोटी है जैसे ही वह ठीक होगी मै वापस आ जाउंगी।
तब उसकी बेटी कहती है मुझे पता है की परी छोटी है। लेकिन मै भी तो बड़ी नहीं हु न। और Anupama रोने लगती है। उसकी बेटी कहती है मम्मी आप न रो और परी को भी चुप करा दो।
अनुपमा ने बा को लेकर अनुज के घर चली आई | Anupama Written Update
फिर अनुज सोचने लगता है की यह भी अपनी मम्मी की तरह दुसरो के हित के लिए सोचने लगी है। यह इतनी छोटी है लेकिन यह सही नहीं है। फिर अगले सीन में अनुपमा लोरी सुना कर परी को सुलाती है। अनुज Anupama को फ़ोन कॉल करता है और पूछता है की परी कैसी है।
अनुपमा उत्तर देती है कहती है शांत है लेकिन अभी सोइ नहीं है। अनुपमा ज्योति के बारे में पूछती , तो अनुज उत्तर देता है की उसकी चिंता न करो मै हु उसके साथ , तुम परी का ध्यान रखो एक तो वह बहुत छोटी है। ऊपर से बहुत अधिक बुखार और किंजल भी नहीं है वहा। अनुपमा कहती है अनुज हमारे दोनों बच्चे परेशानी में है।
अनुज कहता है और दोनों को तुम्हारी आवश्यकता है। अपना ध्यान रखना। अनुपमा कहती है आप भी अपना ध्यान रखना। और जल्दी से सो जाइएगा। और कॉल समाप्त कर देते है।
अगले सीन में अनुज और ज्योति स्कूल के तैयार हो रहे होते है। अनुजा ज्योति से कहता है अब चले स्कूल , ज्योति कहती है आज मम्मी को भी मेरे साथ जाना था। ज्योति क्षमा मांगती है अनुज से कहती कल मैंने आप दोनों को बहुत परेशान किया। अनुज नहीं बेटा मै क्षमा मांगता हु क्योकि मेरे बेटा को मम्मी पापा चाहिए तो चाहिए। ज्योति ठीक है पापा मुझे अकेले रहने की आदत है, कल थोड़ा डर गई थी।
इस लिए ऐसा किया अब से मै कभी भी ऐसा नहीं करुँगी। मै वचन देती हूँ। अनुज ज्योति को गले लगा लेता है। ज्योति मम्मी स्कूल के बाद प्रैक्टिस के लिए आ जाएँगी न। अनुज ज्योति आज तुम्हारी मम्मी शायद नहीं आ पाएंगी। परी को उनकी आश्यकता पड़ गई है।
अन्यथा वह आती है। ज्योति कहती है मम्मी Anupama परी को लेकर वही आ जाती है। अनुज अनुपमा को देखता है चौक जाता है। अनुपमा रो रही होती है जैसे हमेशा रोटी रहती है उसी तरह। अनुज अनुपमा एक दूसरे को देख रहे होते है। ज्योति तेजी से चिल्लाती है मम्मी और अनुपमा के पास चली जाती है।
और अनुपमा से लिपट जाती है। अनुज भी अनुपमा के पास आता है। अनुज अनुपमा को घूरता है और अनुपमा शंशय में पड़ जाती फिर अनुज मुस्करा देता है और पूछता है परी कैसी है।
अनुपमा – परी ठीक है। अनुपम ज्योति से क्षमा मांगने लगती है कहती मै कल रात को नहीं आ पाई मुझे क्षमा कर दो। ज्योति – नहीं मम्मी मुझे क्षमा कर दो। अब नहीं घबराओ मै बिलकुल ठीक हूँ। परी कैसी है। अनुपमा -परी ठीक है। अनुज अनुपमा को घूरता है और दरवाजे पर देखता है की बा बाबू जी सभी अपना बोरिया बिस्तर लेकर आ रहे होते है। यह सब देख अनुज के घर वाले भी छुअक जाते है।
और सबको देख प्रणाम करता है।